When India wins the battle with Coronavirus, the names of our Chief Ministers will be written on the pages of history.

Chief Minister of India showing path to corona crisis


   जो हम कोरोनावायरस से जंग लड़ रहे है ना बहुत जरूरी है कि हम एकजुट रहे, एक रहे, यह एक स्वर्णीय मौका हे की हम समाज को कहे कीहमें एकजुट हैआपको पता है कि जब भारत कोरोनावायरस से जंग जित जायेगा तो इतिहास के पन्नों पे नाम लिखा जायेगा हमारे मुख्यमंत्रीयों का, आज हम भारत के उन राज्यों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो राज्य कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए रास्ता दिखा रहे हैं । केरल मॉडल , राजस्थान के भीलवाड़ा ' मॉडल , दिल्ली मॉडल और अन्य राज्यों के मॉडल की भी चर्चा की ' है ।

राजस्थान के भीलवाड़ा ' मॉडल'

       अशोक गहलोत के राजस्थान सरकार ने कैैैैैैैैसे भीलवाड़ा मे कोरोनावायरस को मात दी। आपके सामने सुरुवात से हर एक पहलुओं को रखता हूँ
       पहले पॉजिटिव मामले आने के तीन दिनों के भीतर , 22 मार्च तक , भीलवाड़ा में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने लगभग 850 टीमों का गठन किया और  लगातार 56,025 घरों और 2,80,937 लोगों पर घर - घर सर्वेक्षण किया।
        लगभग 2,250 लोगों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी ( ILI ) के लक्षणों से पीड़ित होने पर पहचाना गया इन लोगों मे कुछ लक्षण दिखे और उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा गया। इन लोगों से जुड़े जो लोग थे उन्हें संपर्क किया गया। उन रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग भी कराई गई, जिनका टेस्ट पॉजिटिव था, स्वास्थ्य विभाग ने उन सभी लोगों के विस्तृत चार्ट तैयार किए, जिनसे वे संक्रमित होने के बाद मिले थे
      22 मार्च तक पांच राज्यों – हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश , राजस्थान , उत्तर प्रदेश और गुजरात के करीब 498 लोगों की एक सूची तैयार की गई । ये ऐसे मरीज थे जो तब से इलाज के लिए अस्पताल आए थे जब कर्मचारी संक्रमित हो गए थे। 26 मार्च तक, 6,445 लोगों को, जिनके संक्रमित होने का संदेह था, उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा गया
      आधिकारिक दस्तावेज बताते हैं कि अगले पांच दिनों में - 22 से 27 मार्च के बीच - 4.35 लाख घर और जिनमे  भीलवाड़ा के 22 लाख लोग रह रहे है, जिनकी अनुमानित आबादी 30 लाख है, का सर्वेक्षण किया गया। राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक ऐप के जरिये पुरे हालात पे मुआयना करती है, यह सिस्टम है Geographical Information System ( GIS )

इसके बाद, जब यह तमाम कदम उठाये जाते है तब पता चलता है कि, 30 मार्च के बाद मामलों में कमी आयी और भीलवाड़ा जिले में 31 मार्च को एक भी मामला रिपोर्ट नहीं हुआ । इस दौरान लोगों का इलाज  Hydroxychloroquine (HCQ), Tamiflu, और HIV drugs से चल रहाा होता है। और इसमें 17 लोग ठीक हो जाते है

  भिलवाडा़  जिले में 3 अप्रैल से 10 दिन का ' इंटेंस कफ्यूँ ' लगा दिया जाता है। याने सभी दुकाने भी बंद रहेगी मतलब दवाईयां और जरुरत के सामान भी नहीं मिलेंगे,  इस दौरान जरुरी सामान घर तक पहुचाने का काम खुद प्रशासन कर रहि है, प्रशासन यहा अपनी जिम्मेदारी बुला नहीं और उसका नतीजा यह निकला के 31 मार्च के बाद से , जिले में एक सप्ताह में केवल एक ही मामला सामने आया है , जिसमें जिले में कुल मामलों की संख्या 27 हैं।

"केरल मॉडल "

        क्या आप जानते हैं कि केरल इस वक्त देश से दो कदम आगे चल रहा है, वो अभी से इस बात की प्लानिंग कर रहे है कि लाकडाउन किस तरह हटाया जाये उसके लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस बात कि घोषणा कि है कि लाकडाउन खत्म किया जायेगा तो किन तिन चरणों के अंतर्गत खत्म् किया जायेगा।

*चरण एक ज़िले को 15 अप्रैल से छूट तभी मिलेगी अगर 7 अप्रैल से एक भी नया मामला सामने नहीं आया हो

*घर मे नज़रबंद लोगों के मामले में 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं हुई हो 7 से 15 अप्रैल के बीच कोई नए hotspots नहीं आए हों

*फेस मास्क और पहचान पत्र के बगैर कोई बाहर नहीं जाएगा। निजी क्षेत्र दफ्तर में सिर्फ 25 फीसदी लोग और उन्हे भी फेस मास्क और Sanitise किया जाये

*एक घर से सिर्फ एक व्यक्ति बाहर जा सकता है और वो भी तीन घंटे से ज्यादा नहीं 65 साल से ऊपर कोई शक्स बाहर नहीं ( खासकर जो बीमार हो ) और उन्हे भी विशेष पास दिया जाएगा

*गाड़ियों के लिए ऑड ईवन स्कीम चालू होगी और रविवार को कोई भी वाहन बाहर नहीं जायेगा

*दूसरे चरण के लिए कोई ज़िला तभी मान्य होगा अगर 7 अप्रैल से , डेट ऑफ रिवियू से एक भी मामला सामने नहीं आया हो तो इसमें पाबंदियों के साथ बसें, ऑटो और टैक्सी चल सकेंगी

*तीसरे चरण के लिए तभी कोई ज़िला qualify करेगा अगर डेट ऑफ रिवियू से एक भी नया मामला नहीं और घर में बंद लोगों की तादाद 5 फीसदी से भी कम हो गयी


*जिलों के बीच बस सेवा बहाल , स्थानीय flights भी बहाल ( मगर ज़रूरी यात्रियों , डॉक्टर , नर्स मरीज और केरला में फंसे बाहरी लोगों के लिए ) लोगों को केरला में प्रवेश करने दिया जाएगा मगर उन्हें घर मे 14 दिन बंद रहना होगा

"दिल्ली मॉडल"
  
   अरविंद केजरीवाल ने करोना मरीजों का इलाज करने वाले सभी डॉक्टरो की  रहने और खाने कि व्यवस्था दिल्ली के एक ललित हासिल मे कि है, याने किसी भी डाक्टर या नर्स को घर से आने जाने कि तकलीफ ना हो
   अरविंद केजरीवाल लगातार जनता से रुबरु होकर रोज बता रहे हैं कि मे दरअसल क्या कर रहा हूँ और हमे क्या करना चाहिए।

 इसके लिए उन्होंने "FIVE T"  कि घोषणा कि है। 
1st T - Testing
याने के हम हर तरह से testing करेंगे।

2nd T - Tracing
याने के कोई बिमार हो तो उसे trace किया जाये।

3rd T - Treatment
उन्होंने बताया है कि, 525 मरिजो के लिए 2,950 बेड और हम इसे 30,000 तक बढाना चाहते हैं

4th T - Team work
इसका मुकाबला तभी होगा जब हम मिल जुलकर
काम करेंगे

5th T - Tracking and monitoring
वो खुद इस मुद्दे कि Tracking and monitoring कर रहे है और बतौर मुख्यमंत्री होने के नाते ये मेरी जिम्मेदारी होगी कि इस मामले मे जो भी सही होगा या गलत होगा

"महाराष्ट्र मॉडल"

    उध्दव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इससे पहले येे सिर्फ सामना के संंपादक हुआ करतेकरते थे, कोई तजुर्बा नहीं था प्रशासनिक का मगर हमने देखा है की बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने लगातार संदेश दिया है कि इस दौरान किसी भी तरह कि अफवाह नहीं, किसि तरह का धार्मिक उन्माद नहीं लगातार वो संदेश दे रहे है और जमीन पर काम कर रहे है एक फादर फिगर कि तरह, 


इसी बीच कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी  ने अपने 
तरफ से कुछ मसवरे  दिए है, जिस पर हमे गौर करने कि जरुरत है

सोनिया गांधी ने कहा- 

- कोरोना और स्वास्थ्य सेवाओं को छोडकर दो सालों के लिए मीडिया विज्ञापन पर रोक लगाएं
- नया संसद भवन बनाने की जगह अस्पताल बनाया जाए
- सरकारी विदेश यात्राओं पर रोक लगाई जाए
- PM केयर की राशि को PM राहत कोष में जमा किया जाए